नागरिकता बिल का विरोध

 नागरिकता संशोधन बिल को लेकर असम समेत पूर्वोत्तर राज्यों में उग्र प्रदर्शन हो रहे हैं। इसके मद्देनजर बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉ. एके अब्दुल मोमेन ने गुरुवार को ऐन वक्त पर अपना भारत दौरा रद्द कर दिया। उन्हें 13 दिसंबर को छठे इंडियन ओशियन डायलॉग में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंचना था। इसी बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने टीएमसी सांसदों और विधायकों की 20 दिसंबर को आपात बैठक बुलाई। इसमें पार्टी नागरिकता संशोधन बिल का विरोध करने को लेकर योजना बनाएगी।


सूत्रों ने बताया कि बनर्जी पहले ही एनआरसी और सीएबी का विरोध कर चुकी हैं। उन्होंने पार्टी के नेताओं को बैठक में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के लिए कहा है। बैठक में विधायक-सांसदों के साथ ही जिला अध्यक्ष भी मौजूद रहेंगे। इसे पहले बांग्लादेश के विदेश मंत्री मोमेन ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के गृह मंत्री अमित शाह के दावे पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा- हमारे देश में दूसरे देशों से ज्यादा सांप्रदायिक सौहार्द है। यहां अल्पसंख्यकों की स्थिति अच्छी है।


दुनिया में कुछ ही ऐसे देश, जहां सांप्रदायिक सौहार्द बांग्लादेश से अच्छा: मेमोन


मेमोन ने कहा कि दुनिया में कुछ ही ऐसे देश हैं, जहां सांप्रदायिक सौहार्द बांग्लादेश से बेहतर हो। अगर अमित शाह कुछ महीने हमारे देश में ठहरेंगे तो उन्हें यह नजर आएगा। भारत में पहले ही कई समस्याएं हैं। इनसे साथ मिलकर लड़ना होगा। मित्र देश के नाते हम उम्मीद करते हैं कि भारत ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगा, जिससे हमारे रिश्तों पर असर पड़े। मोमेन ने कहा- मुझे बांग्लादेश के विजय दिवस से जुड़े कार्यक्रमों में शामिल होना है। इसलिए दिल्ली दौरा रद्द कर दिया। हमारे राज्य मंत्री मैड्रिड और विदेश सचिव भी हेग (नीदरलैंड) गए हैं।


यह बिल सीधे तौर पर भारत की धर्मनिरपेक्षता पर हमला- मुख्यमंत्री


पंजाब के मुख्यमंत्री कार्यालय से देर शाम जारी हुए बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक को पास करना सीधे तौर पर भारत के धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत पर हमला है। हमारी सरकार इस बिल को हमारे राज्य में लागू नहीं होने देगी।


सुप्रीम कोर्ट में विधेयक के खिलाफ पहली याचिका दायर


दूसरी तरफ आज सुप्रीम कोर्ट में नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ पहली याचिका दायर हुई है। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने अपील में कहा है कि सरकार की तरफ से लाया गया कानून धर्म के आधार पर नागरिकता देकर संविधान का उल्लंघन करता है। 


विधेयक को लेकर पूर्वोत्तर हिंसा की चपेट में


बिल के संसद में पास होने के बाद से ही पूर्वोत्तर में प्रदर्शन हिंसक हो गए। असम में 10 जिलों में कर्फ्यू लगा है। हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने कर्फ्यू तोड़कर आगजनी और तोड़फोड़ की। असम, मणिपुर, त्रिपुरा, मिजोरम, अरुणाचल और मेघालय में सोमवार से प्रदर्शन जारी हैं। इस वजह से यहां चार दिन से रेल और सड़क यातायात प्रभावित हुआ। असम में रणजी ट्रॉफी के मैचों पर चौथे दिन भी असर पड़ा। फरवरी में होने वाले फिल्म फेयर अवॉर्ड से भी असमिया निर्देशकों ने अपनी फिल्में वापस ले ली हैं। गुवाहाटी में रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे की द्विपक्षीय मुलाकात का कार्यक्रम है। राज्य सरकार इस कार्यक्रम की सुरक्षा को लेकर आशंकित है, क्योंकि गुवाहाटी में मुलाकात के लिए बनाए गए मंच को प्रदर्शनकारियों ने तोड़ दिया। 


बांग्लादेश समेत 3 देशों में अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न: शाह


दरअसल, नागरिकता संशोधन बिल पर बहस के दौरान अमित शाह ने तीन पड़ोसी देशों (बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान) में धर्म के नाम पर अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न, धर्म परिवर्तन और उनके पलायन का जिक्र किया था। यह बिल बुधवार को राज्यसभा और सोमवार को लोकसभा से पास हो चुका है। इसमें पड़ोसी देशों के गैर-मुस्लिम शरणार्थियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को नागरिकता देने का प्रावधान है। शाह ने कहा था कि यह विधेयक ऐतिहासिक भूल को सुधारने के लिए लाया गया। हम तीन देशों के उन अल्पसंख्यकों को नागरिकता देंगे, जो अपने धर्म, बहू-बेटियों की इज्जत बचाने के लिए यहां आए हैं।